जबलपुर. आयुर्वेद कॉलेजों को अब मान्यता देने का निर्णय आयुष विभाग लेगा. इसके लिए (सेंट्रल कौंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन) ने एक रिपोर्ट आयुष विभाग को सौंपी है. इसके आधार पर ही आयुष निर्णय लेगा.
सीसीआईएम ने दिल्ली में सभी आयुर्वेद कॉलेजों के प्राचार्यों की बैठक लेकर स्टाफ और इन्फ्रास्ट्रक्चर की जानकारी लेने के बाद रिपोर्ट आयुष को भेजी.
सीसीआईएम की टीम ने सभी आयुर्वेद कॉलेजों और अस्पतालों का निरीक्षण करने के बाद रिपोर्ट सीसीआईएम चेयरपर्सन को सौंपी. मापदंड के अनुसार कॉलेजों की स्थिति के बारे में बताया गया. इसके बाद सीसीआईएम ने देशभर के आयुर्वेद कॉलेजों की प्रदेशस्तर पर अलग-अलग समीक्षा की और हर प्रदेश के आयुर्वेद कॉलेजों के प्रभारियों और प्राचार्यों को बुलाकर कॉलेज की कमियों के बारे में बताया. सभी कॉलेजों के प्राचार्यों ने कॉलेजों में स्टाफ, इन्फ्रास्ट्रक्चर की जानकारी दी. इसके आधार पर सीसीआईएम ने रिपोर्ट हर प्रदेश के आयुष विभाग को भेज दी है.
आयुर्वेद कॉलेज में डॉक्टर्स बढ़े
आयुर्वेद कॉलेज जबलपुर में पांच नये मेडिकल अधिकारियों की नियुक्तियां की गई हैं. सीसीआईएम टीम ने जब यहां निरीक्षण किया था तब यहां डॉक्टरों की संख्या मापदंड के अनुसार कम थी. इसके अलावा नर्सिंग स्टाफ भी बढ़ा है, लेकिन हायर फैकल्टी के दो विषयों में प्रोफसर्स की कमी है. इसकी जानकारी सीसीआईएम ने आयुष विभाग को भेजी है.
अब ये होगा
आयुष विभाग प्रदेशभर के आयुर्वेद कॉलेजों में कमियों के बारे में स्क्रूटनी करके जहां कमियां होंगी वहां डीपीसी से वहां स्टाफ की कमी दूर करने की तैयारी कर रहा है.
सीसीआईएम ने बैठक करके सभी आयुर्वेद कॉलेजों के प्राचार्यों से चर्चा की है. कॉलेज में वर्तमान में स्टाफ की जानकारी सीसीआईएम को दी गई है. इसकी रिपोर्ट सीसीआईएम ने आयुष विभाग को भेज दी है. अब आयुष विभाग कॉलेजों को मान्यता देने या जीरो ईयर के बारे में निर्णय करके सीसीआईएम को अवगत कराएगा.
-डॉ. रविकांत श्रीवास्तव, प्राचार्य, आयुर्वेद कॉलेज, जबलपुर
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