भोपाल।‘यहां से सीधे जाइए ‘ओप्पो‘ के तीन होर्डिंग्स के बाद जो ‘वीवो‘ का होर्डिंग आएगा, वहां से मुड़ जाना। फिर पांच ‘वीवो‘ के होर्डिंग छोड़कर ‘ओप्पो‘ के होर्डिंग्स की साइड मुड़ जाना। बस फिर लाइन से ‘वीवो‘ के होर्डिंग चालू हो जाते हैं जो स्टेशन पर खत्म होंगे‘….सोशल मीडिया पर ये चंद लाइनें नगर निगम का मजाक उड़ा रही हैं। राजधानी में आउट डोर मीडिया रूल्स 2016 लागू होने के बाद भी दुकानों पर बेधड़क मुफ्त में मल्टीनेशनल कंपनियां अपनी ब्रांडिंग कर रही हैं और नगर निगम सिर्फ तमाशबीन बना हुआ है। ये वही निगम है जो अब तक अवैध होर्डिंग पर कार्रवाई करने के लिए नियम न होने का हवाला देता रहा है। दरअसल, राज्य सरकार ने दुकानों में ग्लो साइन व एलईडी बोर्ड लगाकर मुफ्त की ब्रांडिंग और नगर निगमों को विज्ञापन शुल्क के नुकसान से बचाने के लिए आउट डोर मीडिया रूल्स 2016 लागू किए हैं। इसके तहत दुकानों में बोर्ड लगाने के लिए दुकानदारों को निगम में रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही निर्धारित टैक्स चुकाना होगा। बिना रजिस्ट्रेशन कंपनियों के बोर्ड लगाने वाले दुकानदारों पर चालानी कार्रवाई की जाएगी। एक महीने पहले नियम लागू होने के साथ ही महापौर आलोक शर्मा ने दावा किया था कि निगम अवैध विज्ञापनों पर नकेल कसेगा। लेकिन शहर में मोबाइल कंपनियां धड़ल्ले से ब्रांडिंग कर रही हैं, पर अब तक उन पर कार्रवाई नहीं की गई।
तीन लाख से ज्यादा दुकानों में लगे बोर्ड
अनुमान के मुताबिक शहर भर में तीन लाख से ज्यादा दुकानें हैं, जिनमें दुकानों के नाम के बोर्ड के बजाए कंपनियों के विज्ञापन बोर्ड लगाए गए हैं। कंपनियां दुकानदारों को बोर्ड मुहैया कर मुफ्त की ब्रांडिंग कर रही हैं।
सिंगल पोल होर्डिंग
ओएमआर के तहत सड़कों के किनारे बेतरतीब ढंग से बैनर, पोस्टर और होर्डिंग लगाने पर पाबंदी होगी। चौराहों पर होर्डिंग नहीं लगाए जा सकेंगे। स्कूल, कॉलेज व अस्पतालों के पास बैनरहोर्डिं ग प्रतिबंधित है।
यहां होगी इजाजत
न्यू मार्केट, रोशनपुरा, बोर्ड आॅफिस, बिट्टन मार्केट, डिपो चौराहा और जवाहर चौक के आस- पास अनुमति दी जाएगी। इन इलाकों को जोन में बांटकर यहां होर्डिंग्स और बैनर-पोस्टर के साइज के लिहाज से स्थान तय रहेंगे। पुराने और नए शहर के लिए भी इसी नीति के तहत फैसला लिया जाएगा। हालांकि यहां निजी इमारतों में होर्डिंग्स नहीं लगाए जा सकेंगे। यदि अलग लगाए जाते हैं तो उसकी अनुमति नगर निगम से लेनी होगी।
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