बांग्लादेश के उत्तरी शहर किशनगंज में हुए हमले में चार लोग मारे गए हैं.
ये धमाका ईद के दिन हुआ. मरने वालों में दो पुलिस अफ़सर और एक हमलावर भी शामिल है.
पुलिस का कहना है कि हमलावरों ने सुरक्षा चौकी पर पुलिस पर बम फेंके और गोलियां चलाईं.
ये हमला तब हुआ जब पास ही एक मैदान में ढाई लाख लोग ईद की नमाज़ शुरू करने वाले थे.
बांग्लादेश के सूचना मंत्री हसनुल हक़ का कहना है कि हमलावर बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष सरकार को हटाना चाहते हैं.
लगभग एक हफ़्ते पहले भी चरमपंथियों ने ढाका के एक कैफ़े में हमला किया और कई लोगों को बंधक बना लिया था.
लगभग 12 घंटे तक चला बंधक संकट 28 लोगों की मौत के साथ ख़त्म हुआ. मरने वालों में ज़्यादातर विदेशी थी.
बांग्लादेश में हाल के सालों में कई धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगरों, अल्पसंख्यक पुजारियों, उदारवादी शिक्षाविदों और समलैंगिक कार्यकर्ताओं की हत्या हुई हैं.
ऐसे ज़्यादातर हमलों की ज़िम्मेदारी तथाकथित इस्लामिक स्टेट चरमपंथी संगठन ने ली है.
हालांकि बांग्लादेश की सरकार अपने यहां आईएस की मौजूदगी से इनकार करती है और सभी हमलों के लिए स्थानीय कट्टरपंथियों को ज़िम्मेदार बताती है.
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