चंडीगढ़। चंडीगढ़ के 16 वर्षीय हर्षित शर्मा को गूगल ने हायर करने की खबर को सभी कौ चौंका दिया था। उसके बाद खुद गूगल ने इस प्रकार की खबर का खंडन करते हुए कहा था कि ऐसे किसी भी लड़के को कोई ऑफर देने की कोई जानकारी है ही नहीं। इस अफवाह के बाद हर्षित अब एक प्रकार के टॉर्चर का शिकार हो गया है।
हर्षित के माता पिता भी इस बात से हैरान है कि उनके बेटे को जॉब नहीं मिली है और गूगल के ऑफर की खबर झूठी थी। गूगल द्वारा इस खबर को अफवाह बताने के बाद हर्षित के दोस्त और रिश्तेदार उसका मजाक उड़ा रहे हैं। जिसके बाद हर्षित ने खाना पीना छोड़ दिया। तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद उसे अंबाला के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर के अनुसार, हर्षित ‘कन्फ्यूजनल साइकोसिस’ का शिकार हो गया है।
हर्षित को 2 अगस्त को अंबाला के पटनायक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। डॉ. आरके पटनायक के अनुसार, ‘घटना के बाद हर्षित कनफ्यूज हो गया था और उसे कुछ भी याद नहीं आ रहा था। उस दौरान वह ना तो कुछ खा रहा था और ना ही कॉऑपरेट कर पा रहा था। हालांकि अब धीरे-धीरे सुधार हो रहा है’।
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते वक्त हर्षित के पिता ने कहा, ‘बहुत लंबे समय बाद हमे रेपुटेशन मिली थी लेकिन इस घटना ने हमारी जिंदगी खराब कर दी है। मैं सोच रहा हूं कि कॉलेज से रिजाइन दे दूं क्योंकि इस हालात में मैं मेरे स्टूडेंट्स के सामने नहीं जा पाऊंगा’।
आपको बता दें कि हर्षित के बारे में गूगल द्वारा ऑफर की अफवाह के बाद सोशल मीडिया पर लिखा जा रहा था कि उसे गूगल ने ग्राफिक डिजाइनिंग टीम के लिए चुना है। गूगल पहले हर्षित को एक साल की ट्रेनिंग देगी, उस दौरान उनकी सैलरी चार लाख रुपये प्रति माह होगी। वहीं, ट्रेनिंग पूरी होने के बाद हर्षित को 12 लाख रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। हर्षित 7 अगस्त को अमेरिका के लिए रवाना हो जाएंगे।
चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल से पढ़ने वाले हर्षित ने ऑनलाइन इंटर्व्यू दिया था, जिसमें उसे 1.44 करोड़ रुपये की नौकरी देने की बात कही गई थी। इसके बाद हर्षित ने तो अपने फेसबुक अकाउंट पर ‘वर्क्स एट गूगल’ भी लिख दिया था। अब इस अफवाह के बाद हर्षित और उसके माता-पिता सब दुखी और शर्मिंदा है।
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