भारत और पुर्तगाल ने विज्ञान और तकनीक में शोध को गति देने के लिए 40 लाख यूरो का एक साझा कोष बनाने की शनिवार को घोषणा की। यह घोषणा ऐसे वक्त की गई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पुर्तगाली समकक्ष एंटोनियो कोस्टा ने आतंकवाद का मुकाबला, अंतरिक्ष और जलवायु अध्ययन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को लेकर यहां गंभीर चर्चा की। इस दौरान कुल 11 द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
इन समझौतों पर हुए हस्ताक्षर
जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए उनमें बाहरी अंतरिक्ष, दोहरे कराधान से बचाव, नैनो तकनीक, सांस्कृतिक रिश्तों में बढ़ोतरी, युवा और खेल, उच्च शिक्षा और वैज्ञानिक शोध, भारत-पुर्तगाल व्यवसाय हब और इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स शामिल हैं।
मोदी और गोवा मूल के कोस्टा ने एक साझा प्रेस कांफ्रेस में कहा कि कोस्टा के जनवरी में भारत का दौरा करने के बाद से दोनों देशों ने अपने रिश्तों में संतोषजनक प्रगति की है। मोदी ने कहा, हमने आज व्यापक विचार विमर्श किया। पुर्तगाल के आर्थिक उछाल और भारत की मजबूत बढ़त से हमें साथ मिलकर विकास करने के शानदार अवसर हासिल हुए हैं। अकेले बीते एक साल में द्विपक्षीय व्यापार में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने पुर्तगाल का द्विपक्षीय दौरा किया है।
अत्याधुनिक तकनीक में द्विपक्षीय सहयोग पर बोलते हुए मोदी ने 40 लाख यूरो के एक संयुक्त विज्ञान और तकनीक कोष की स्थापना का एलान भी किया। उन्होंने कहा, हमारे आर्थिक आर्थिक संबंधों का आगे बढ़ना जारी है। हम सामान, सेवाओं, पूंजी और मानव संसाधन के प्रवाह के लिए और अधिक कर सकते हैं।
मोदी ने कहा, हम पुर्तगाल के साथ अटलांटिक इंटरनेशनल रिसर्च सेंटर में अंतिरक्ष और समुद्र विज्ञान दोनों क्षेत्रों में शामिल होने की दिशा में आगे देख रहे हैं। उन्होंने कहा, हम आतंकवाद और हिंसक अतिवाद से लड़ने में सहयोग को गहरा करने के लिए दृढ़ हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी को और बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण के दौर में भारत का समर्थन करने के लिए लिस्बन को धन्यवाद दिया।
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