भोपाल। प्रदेश में अल्प वर्षा के चलते दूर-दराज के इलाकों में सूखे की स्थिति बनने लगी है। अभी तक प्रदेश में 501 मिमी औसत बारिश हुई है, जो सामान्य से 270 मिमी कम है। इसके चलते 40 जिलों में सूखे का संकट पैदा हो गया है। ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड क्षेत्र के जिलों के कलेक्टरों ने सार्वजनिक जल स्रोतों से पानी निकालने पर रोक लगा दी है। साथ ही सूखे की संभावना से सरकार को अवगत करा दिया है। इधर, सरकार अभी भी मौसम विभाग की भविष्यवाणी के भरोसे है, सरकार को 30 अगस्त तक प्रदेश में अच्छी बारिश की उम्मीद है।
प्रदेश में एक जून से 21 अगस्त तक किसी भी जिले में सामान्य से अधिक बारिश नहीं हुई है। सिर्फ 10 जिले ऐसे हैं जहाँ सामान्य वर्षा दर्ज हुई है। कम वर्षा वाले जिलों की संख्या 40 पहुंच गई है। यदि जल्द ही तेज बारिश नही हुई तो पूरा प्रदेश सूखे की चपेट में आ जाएगा।
खास बात यह है कि कलेक्टरों ने सरकार को सूखे की संभावना से अवगत करा दिया है, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक किसी तरह के राहत कार्य शुरू नहीं किए हंै। सरकार की ओर से रोजाना मौसम विभाग से बारिश की संभावना की स्थिति पूछी जाती है। मौसम विभाग ने प्रदेश में बारिश की संभावना जताई है। साथ ही सितंबर में भी अच्छी बारिश होने की भविष्यवाणी की है।
इन जिलों में सूखे के हालात
प्रदेश के बालाघाट, छिन्दवाड़ा, सिवनी, मण्डला, डिण्डोरी, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, टीकमगढ़, छतरपुर, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, इंदौर, धार, खरगौन, बुरहानपुर, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, मुरैना, श्योपुर, भिण्ड, ग्वालियर, शिवपुरी, अशोकनगर, दतिया, भोपाल, सीहोर, विदिशा, हरदा और बैतूल पूरी तरह से सूखे की चपेट में आ चुके हैं। जबकि जबलपुर, गुना, पन्ना, राजगढ़, सिंगरौली, झाबुआ, अलीराजपुर में भी सामान्य से कम बारिश हुई है।
इनका कहना है
अभी मौसम विभाग ने बारिश की संभावना जताई है। सरकार जल्द ही सभी जिलों में सूखे की स्थिति की समीक्षा करने जा रही है। इसके बाद राहत कार्य शुरू किए जाएंगे।
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