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किसान कल्याण विभाग ने जारी किये आदेश
भोपाल :किसान कल्याण एवं कृषि विभाग ने प्रदेश के किसानों के हित में निर्णय लिया है कि भावांतर भुगतान योजना में प्रदेश के प्रत्येक कृषि जलवायु क्षेत्र में आने वाले जिलों में से चयनित फसल के पिछले 5 वर्षों में 3 सर्वश्रेष्ठ उत्पादकता के आंकड़े के औसत वाले जिले को उक्त कृषि जलवायु क्षेत्र में आने वाले समस्त जिलों में मान्य किया जाएगा। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिये गये हैं।
60.82 लाख मी. टन फसलें भावांतर के दायरे में
भावांतर भुगतान योजना में पंजीकृत क्षेत्र में फसल की औसत उत्पादकता के गुणन के आधार पर कुल फसल 60 लाख 82 हजार मीट्रिक टन अनुमानित की गई है। पंजीकृत किसानों की उपरोक्त फसल मात्रा भावांतर भुगतान योजना के दायरे में आयेगी। इसमें से 38 लाख 42 हजार मीट्रिक टन सोयाबीन, 12 लाख 92 हजार मीट्रिक टन मक्का, 6 लाख 96 हजार मीट्रिक टन उड़द, एक लाख 29 हजार मीट्रिक टन तुअर, 81 हजार मीट्रिक टन मूंगफली, 37 हजार मीट्रिक टन तिल, 8 हजार मीट्रिक टन मूंग और 2 हजार मीट्रिक टन रामतिल की फसल शामिल है
प्रदेश में 11 जलवायु क्षेत्र हैं। इनमें मालवा का पठार, जिसमें इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, राजगढ़ और नीमच जिला शामिल हैं। निमाड़ के मैदानी जलवायु क्षेत्र में धार, खरगोन, बड़वानी, खण्डवा, बुरहानपुर और हरदा जिला शामिल हैं। कैमूर का पठार और सतपुड़ा की पहाड़ियाँ, जिसमें जबलपुर, कटनी, सिवनी, पन्ना, रीवा और सतना जिला शामिल हैं। छत्तीसगढ़ का उत्तरी पठार, जिसमें मण्डला, डिण्डोरी, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर और उमरिया जिले शामिल हैं। विंध्य के पठार जलवायु क्षेत्र में सागर, दमोह, भोपाल और विदिशा जिले को शामिल किया गया है। मध्य नर्मदा घाटी में नरसिंहपुर, सीहोर, रायसेन, होशंगाबाद और गिर्द अंचल जलवायु क्षेत्र में मुरैना, श्योपुरकलां, भिण्ड, ग्वालियर और गुना जिले को शामिल किया गया है।
जलवायु क्षेत्र बुंदेलखण्ड पठार में टीकमगढ़, छतरपुर, शिवपुरी, अशोकनगर और दतिया जिले, झाबुआ की पहाड़ियों के जलवायु क्षेत्र में धार, झाबुआ और अलीराजपुर जिले को शामिल किया गया है। प्रदेश के 10वें जलवायु क्षेत्र सतपुड़ा का पठार में छिन्दवाड़ा और बैतूल जिले को शामिल किया गया है। ग्यारह कृषि जलवायु क्षेत्र छत्तीसगढ़ का पठार में प्रदेश के अकेले बालाघाट जिले को शामिल किया गया है।
भावांतर भुगतान योजना में 8 फसलों को शामिल किया गया है। योजना में 19 लाख 7 हजार 510 रजिस्ट्रेशन किये गये हैं। यह रजिस्ट्रेशन 37 लाख 53 हजार 709 हेक्टेयर में बोई गई फसलों के लिए किए गये हैं। सोयाबीन के लिए 9 लाख 53 हजार 233, उड़द के लिए 5 लाख 62 हजार 333, मक्का के लिए 2 लाख 53 हजार 933, तुअर के लिए एक लाख 832, तिल के लिए 40 हजार 587, मूंगफली के लिये 36 हजार 925, मूंग के लिए 12 हजार 762 और रामतिल फसल के लिए 3,205 रजिस्ट्रेशन कराए गये हैं। योजना में अंतर की राशि किसान के बैंक खाते में जमा करवाई जा रही है। किसानों को इसकी सूचना उनके रजिस्टर्ड मोबाइल फोन पर दिए जाने की व्यवस्था की गई है।
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