जोहांसबर्ग में मिला क्लार्क आर बाविन वाइल्ड लाइफ एन्फोर्समेंट अवार्ड-2016
भोपाल : मध्यप्रदेश के युवा वन अधिकारी श्री रितेश सिरोठिया प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड- क्लार्क आर बाविन वाइल्ड लाइफ एन्फोर्समेंट अवार्ड पाने वाले पहले भारतीय बन गये हैं। अंतर्राष्ट्रीय संस्था एनीमल वेल्फेयर इंस्टीट्यूट एवं स्पेशीज सर्वाईवल नेटवर्क द्वारा वन्य-प्राणी अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में दिया जाने वाला यह पुरस्कार श्री सिरोठिया को आज दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग शहर में विलुप्तप्राय जंगली जीव-जंतु एवं वनस्पति का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार (CITES) के 17वें सम्मेलन में सेक्रेटरी जनरल श्री जॉन स्केनलॉन द्वारा दिया गया। संस्था ने श्री सिरोठिया का चयन उनके द्वारा वन्य-प्राणियों को बचाने में किये गये गहन प्रयासों और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय वन्य-प्राणी कानूनों के प्रभावी प्रवर्तन के लिये दिया है।
श्री रितेश सिरोठिया वर्तमान में मध्यप्रदेश स्पेशल टॉस्क फोर्स और राज्य टाइगर स्ट्राइक फोर्स के प्रभारी हैं। श्री सिरोठिया को इसी वर्ष फरवरी में राज्य शासन द्वारा भी पेंगोलिन शिकार और उसके अंगों के अवैध व्यापार में लिप्त अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश कर आठ राज्य के 76 आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने के लिये पुरस्कृत किया गया था। श्री सिरोठिया के नेतृत्व में अब तक एसटीएसएफ की टीम पेंगोलिन और बाघ का शिकार करने वाले 111 लोगों को 10 राज्य में गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें एक म्यांमार और एक तिब्बत का विदेशी नागरिक भी शामिल है। श्री सिरोठिया की टीम ने मिजोरम से पेंगोलिन खाल के एक कुख्यात तस्कर को भी पकड़ा था, जो छिन्दवाड़ा, सिवनी और बालाघाट से पेंगोलिन को शिकारियों के पास से खरीदकर दूसरे देशों में बेचता था। इस तस्कर से 5 करोड़ से अधिक का करोबार पेंगोलिन खाल से करने की बात कबूली थी।
वन्य-प्राणी अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में दिये जाने वाले क्लार्क आर बाविन वाइल्ड लाइफ इन्फोर्समेंट अवार्ड के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय-स्तर की जूरी पूरी दुनिया में वन्य-प्राणी अपराध नियंत्रण के लिये कार्यरत एजेंसी के अधिकारियों में से उत्कृष्टतम कार्य करने वाले अधिकारी का चयन करती है। यह पुरस्कार प्रत्येक 3 वर्ष में दिया जाता है।
श्री क्लार्क बाविन संयुक्त राज्य अमेरिका के वन अधिकारी थे। उन्होंने अपने सेवा काल में वन्य-प्राणियों के अवैध व्यापार नियंत्रण में अप्रतिम योगदान दिया था।
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