एसडीएम व मण्डी सचिव को राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन
सीहोर। म.प्र.में किसानों की समस्याओं को लेकर किसान कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरगोविन्द सिंह दरबार के नेतृत्व में आज मण्डी गेट के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया एवं अनुविभागीय अधिकारी व मण्डी सचिव को राज्पाल के नाम ज्ञापन सौंपा जिसमें मांग की गई है कि
उपज का उचित मूल्य नहीं मिलना। किसानों से खाद बीज एवं विद्युत कम्पनियों द्वारा अधिक की जा रही है। किसानों की खरीफ की फसल का उत्पादन न के बराबर हुआ है, इसके बावजूद भी विद्युत अधिकारियों द्वारा डरा धमका कर किसानों से विद्युत राशि वसूली जा रही है, जिसके कारण किसान बहुत ही मानसिक तनाव में है।
मुख्यमंत्री भावांतर योजना शासन का किसानों के साथ धोखा साबित हुआ है, किसानों की जब फसल ही नहीं हुआ तो वह भावान्तर योजना का लाभ कैसे लेगा। प्रदेश के 50 प्रतिशत किसान योजना के पूर्व ही फसल बेच चुके हैं, वहीं मण्डी व्यापारियों द्वारा कम दर में फसल क्रय की जा रही है, किसानों को नगद राशि भी नहीं दी जा रही है और भावान्तर योजना का पैसा भी शासन द्वारा विलम्बता से दिया जायेगा।
अभी तक शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानों द्वारा उत्पादित सम्पूर्ण सफल खरीदी जाती थी, अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान क्यों बचना चाहते हैं। इस योजना के अनुसार किसानों द्वारा उत्पन्न प्रति हेक्टेयर तक फसल व इस योजना के अंतर्गत भुगतान प्रतिबंध व प्रति हेक्टेयर तक सिमित क्यों कर दिया गया है।
योजना के अनुसार किसानों को उनके भावांतर का भुगतान 15 दिसम्बर 2017 के बाद किया जायेगा। आज भुगतान कितना और कब किया जायेगा यह भी निश्चित नहीं है, जबकि पूर्व में प्याज, उड़द, मूंग, तअर समर्थन मूल्य पर बेचने वाले किसानों का भुगतान 4 माह बाद भी नहीं मिला है।
भावंतर योजना के अनुसार शासन की दुर्भावना पूर्ण मंशा सिर्फ यह दिखती है कि भाजपा सरकार किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है।
किसानों को फसल नुकसानी पर शासन से मिलने वाला मुआवजा बंद कर दिया गया है, जो कि किसानों के साथ अन्याय है। पूर्व में प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की फसल का नुकसान होने पर शासन द्वारा राजस्व की धारा 6 (4) के अंतर्गत मुआवजा राशि दी जाती थी, अब यह राशि बंद कर दी गई है, हर किसान को अपनी फसल का बीमा कराया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। यदि किसी किसान की फसल प्राकृतिक आपदा के कारण खराब होती है तो उसे मुआवजा नहीं मिलेगा एवं किसान ने बीमा नहीं कराया है तो बीमा क्लेम भी नहीं मिलेगा। शासन द्वारा किसानों को यह मुआवजा राशि बंद होने की बात छिपाई जा रही है। किसानों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
फसल बीमा की राशि 4 गुना बढ़ा दी गई है, जबकि पूर्व में 3.5 प्रतिशत थी। अब 12 प्रतिशत कर दी गई है।
जिला स्तर पर आंकलन कमेटी का गठन नहीं किया गया है। फसल क्षति आंकलन कराने की जिम्मेदारी किसानों पर क्यों। योजना की क्रियान्वयन एजेन्सी को लेकर किसानों भ्रम है।
स्वामी नाथन कमेटी व भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र 2014 की उपेक्षा स्वामी नाथन कमेटी व भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र प्रति हेक्टर लागत में 50 प्रतिशत लाभांतर जोडक़र समर्थन मूल्य निर्धारित किया जायेगा। मगर नई फसल बीमा योजना में प्रति हेक्टेयर किसान की कुल आय को 50 प्रतिशत कम कर बीमा राशी डीएलटीसी द्वारा निर्धारित करने का आदेश है।
केसीसी धारकों की बीमा राशी काटी जा रही है, उसकी रसीद भी नहीं दी जाती है, ऐसा ही मार्केटिंग सोसायटी में किया जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन विदिशा लोकसभा के उपाध्यक्ष ब्रजेश पटेल ने किया व उपस्थितजनों का आभार व्यक्त ईश्वरसिंह ठाकुर ने किया।
आदि अनेक समस्याओं को लेकर किसान कांग्रेसजनों मांग करते हुए कहा कि यदि समय रहते किसानों समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो किसान कांगे्रस किसान भाईयों के साथ धरना आन्दोलन करेगी, जिसकी समस्त जावाबदारी भाजपा सरकार व प्रशान की होगी।
इस अवसर पर उपस्थितजनों में प्रमुख रुप से सीहोर । इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपस्थित जनो में क्षेत्रिय विधायक शैलेन्द्र पटेल, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ओम दीप, हरपाल सिंह ठाकुर, आशीष गहलोत, ओम वर्मा, रघुवीर सिंह दांगी, धीरज मालवीय, जफर लाला, विदिशा लोक सभा उपाध्यक्ष ब्रजेश पटेल, राजा राम बड़े भाई, राजेन्द्र वर्मा, महेन्द्र सिंह ठाकुर, भगत ङ्क्षसह तोमर, के. के. गुप्ता, दिनेश भेरवेे, राम दयाल परमार, भूरा यादव, राजीव राजपूत, राजा यादव, राजीव गुजराती, रवि ठाकुर, विवेक राठौर, मनोज परमार, रामू चौधरी, ईश्वर सिंह ठाकुर, धर्मेन्द्र रेकवार, राजा यादव, आनन्द कटारिया, जगदीश धाकड़, सुरेन्द्र सिंह सरपंच, कृपाल सिंह, चैतन ठाकुर, घनश्याम मीणा, अंकित परमार, राकेश वर्मा, अखलेश वर्मा, महेन्द्र माहेश्वरी, जितेन्द्र वर्मा, ज्ञान बाबू, महेन्द्र ठाकुर, बहदूर ङ्क्षसह, बलवीर ङ्क्षसह, देवराज सिंह आदि लोग उपस्थित थें।
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