भोपाल- कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री
15 अगस्त को इनकी लंबित मांगें पूरी कर तोहफा दे सकते हैं। इसके लिए मंत्रालय में रोजाना बैठकें हो रही हैं। बताया जा रहा है कि दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी और कार्यभारित कर्मचारियों की मांगें पूरी हो सकती हैं।
इस पर वित्त विभाग ने भी सहमति दे दी है। वहीं, अध्यापकों की वेतन विसंगति दूर करने को लेकर बैठकों का दौर चल रहा है। इसके अलावा 6 से 18 वर्ष के दिव्यांगों को मिलने वाली पेंशन का नाम ‘दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन’ योजना करने के साथ सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि भी दोगुनी की जा सकती है।
प्रदेश में 58 हजार दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी हैं। इनमें 10 हजार कर्मचारियों को सरकार विभिन्न निर्माण विभागों में नियमित कर चुकी है। बाकी 48 हजार कर्मचारियों को नियमित करने के लिए पद नहीं हैं, इसलिए इन्हें न्यूनतम वेतन देने का सैद्धांतिक फैसला किया गया है।
इससे कर्मचारियों को 2 से 3 हजार रुपए महीने का फायदा होगा। अभी इन्हें 8 से लेकर 11 हजार रुपए महीना मिलते हैं। वित्त विभाग ने सामान्य प्रशासन विभाग से दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की कुशल, अर्द्ध कुशल और अकुशल श्रेणी बनाने के लिए कहा है। कार्यभारित कर्मचारी प्रदेश में 40-45 हजार कार्यभारित कर्मचारी हैं। इन्हें सभी सरकारी सुविधाएं मिलती हैं पर पदोन्नति के मौके नहीं हैं।
इसके एवज में इन्हें समयमान वेतनमान मिलना चाहिए पर लंबे समय से इस पर फैसला नहीं हो पा रहा था। सरकार ने इन्हें समयमान वेतनमान देने का सैद्धांतिक निर्णय किया है। इससे इन कर्मचारियों को 10 और 20 साल की सेवा पूरी करने पर समयमान वेतनमान मिलेगा।
इसके अलावा सरकार इनके अर्जित अवकाश की संख्या 20 से बढ़ाकर 30 करने पर भी विचार कर रही है। नियमित कर्मचारियों को 30 दिन का अर्जित अवकाश मिलता है। दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन योजना 6 से 18 वर्ष के दिव्यांगों को सरकार सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 150 रुपए पेंशन देती है।
इसका मकसद उन्हें पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करना है, इसलिए अब तय किया है कि योजना का नाम दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन होगा। इसकी और अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाए दोगुनी करने का प्रस्ताव है, जिस पर वित्त विभाग में विचार चल रहा है।
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