मंदसौर. मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानों के आंदोलन पर पुलिस की फायरिंग के बाद हालात बिगड़ गए हैं. मंदसौर के पार्श्वनाथ में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने फायरिंग की थी जिसमें 5 किसानों की मौत हो गई. पुलिस फायरिंग में तीन किसान जख्मी भी हुए हैं. फायरिंग के बाद आंदोलन के उग्र होने के डर से मंदसौर में कर्फ्यू लगा दिया गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट की आपात बैठक बुलाकर मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं.
मंदसौर, रतलाम और उज्जैन में किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. इस मामले में राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने कल प्रदेश बंद का एलान किया है.
क्यों आई फायरिंग की नौबत
दरअसल पार्श्वनाथ में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान तोड़ – फोड़ औऱ आगजनी शुरू हो गयी. किसानों के प्रदर्शनकारी गुट ने करीब 10 ट्रक औऱ दो मोटरसाईकल में आग लगा दी. मौके पर पहुंची सीआरपीएफ की टीम ने मोर्चा संभाला. दोनों पक्षों में आपसी पथराव के बाद सीआरपीएफ औऱ पुलिस ने गोलीबारी की जिसमें किसान मारे गए.
मंदसौर के पुलिस अधीक्षक ओ. पी. त्रिपाठी ने बताया कि सोमवार की देर रात को दालोद पुलिस चौकी क्षेत्र में किसानों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और रेलवे क्रासिंग के गेट को तोड़ दिया. इसके अलावा उन्होंने पटरियों के बीच के स्लीपर पर लगे लोहे के एंगल को नुकसान पहुंचाया.
उन्होंने बताया कि किसानों ने कुछ स्थानों पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ दिया. कुछ किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें हिरासत में लिया गया है.
थाने में आग लगाने की कोशिश में सात किसान झुलसे
प्रदर्शन में किसान वहां से चले गए और पत्थरबाजी होने लगी. डिगाव में भी सीतामऊ रोड पर जाम लगाने की कोशिश हुई. यहां प्रदर्शन कर रहे किसानों को खदेड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने अश्रु गैस के गोले छोड़े. सुवासरा में किसान और व्यापारियों के बीच विवाद हो गया जिसके बाद मारपीट और पथराव की घटना हुई. गुस्साई भीड़ ने पिपलिया मंडी थाने पर हमला बोला और उसे आग लगने की कोशिश की, जिसमें सात किसान झुलस गए.
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