शिखा खैतान for Httvnews.com
पटना.40 साल बाद पटना में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गंगा ने अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। गंगा खतरे के निशान से डेढ मीटर ऊपर बह रही है। गांधी घाट के पास गंगा का पानी शहर में प्रवेश कर गया है। इससे पहले 1975 में पटना में बाढ़ आया था। तब पटना के अधिकांश हिस्से में पानी में डूब गए थे।
गंगा के पानी के कारण गांधी घाट के पास स्थित रेलिंग टूट गई है। एलसीटी घाट के सामने अपार्टमेंट में गंगा का पानी घुस गया है। राजपुर पुल घाट के पास अलंकार मोटर्स में भी पानी घुस गया है। दीघा में भी गंगा का पानी प्रवेश कर गया है। लोग अपना घर छोड़कर दूसरे जगह पर निकल गए हैं। गंगा में बढ़ते जल स्तर को देखते हुए डीएम ने आपात बैठक भी बुलाई है।
खाली कराई कई जगह
पटना जिला के बाढ़ अनुमंडल में भी गंगा का पानी प्रवेश कर गया है। इसको लेकर गंगा के किनारे रह रहे लोगों ने अपना घर छोड़कर दूसरे जगहों की ओर निकल गए हैं। जिला प्रशासन की ओर से पूरे क्षेत्र को खाली करा दिया गया है। गंगा का पानी अब धीरे धीरे शहर में भी प्रवेश करने लगा है।
फतुआ के कई घरों में पानी घुसा
फतुआ के कई घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। सोन के पानी के कारण पुनपुन में जल स्तर बढ़ने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। लोग अपने अपने घरों दूसरे सुरक्षित जगहों पर जाना शुरू कर दिए हैं। प्रशासन की ओर से स्थिति की गंभीरता को देखते हुए लोगों को गंगा के किनारे से दूर जाने को कहा जा रहा है।
फतुआ के कई घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। सोन के पानी के कारण पुनपुन में जल स्तर बढ़ने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। लोग अपने अपने घरों दूसरे सुरक्षित जगहों पर जाना शुरू कर दिए हैं। प्रशासन की ओर से स्थिति की गंभीरता को देखते हुए लोगों को गंगा के किनारे से दूर जाने को कहा जा रहा है।
पटना के पास तीसरे दिन भी गंगा, सोन, पुनपुन का बढ़ना जारी
पटना के निकट गंगा के साथ सोन, पुनपुन नदियां लगातारा तीसरे दिन खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जबकि हाजीपुर में गंडक में उफान जारी है। इस तरह चारों ओर नदियों के बढ़ने से पटना बाढ़ के बड़े खतरे के दरवाजे पर पहुंच गया है। आस-पास के इलाकों में बाढ़ का पानी तो प्रवेश भी करने लगा है। कई नए इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है, जबकि कई इलाकों पर खतरा मंडराने लगा है।
नेपाल के साथ ही पड़ोसी राज्यों की नदियों के कारण भी बिहार की परेशानी बढ़ी है। नेपाल के बाद मध्य प्रदेश और झारखंड में जबरदस्त बारिश के कारण वहां की नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है। इस वजह से वहां से बिहार की ओर आने वाली नदियों में भी भारी उफान है। सोन नदी अपने 40 वर्ष पुराने रिकार्ड के काफी करीब पहुंच गई है। वर्ष 1975 में यहां 14.5 लाख क्यूसेक पानी पहुंच गया था। शनिवार को यहां 10 लाख क्यूसेक से अधिक पानी था। इसके कारण इन्द्रपुरी बराज पर पानी का दबाव बढ़ गया है।
बिहार की सभी बड़ी नदियों का बढ़ना पिछले एक सप्ताह से जारी है। कोसी, बूढ़ी गंडक, अधवारा समूह, घाघरा, पुनपुन, महानंदा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। इनके जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है।
शिखा खैतान for Httvnews.com
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