नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के म्यांमार दौरे (5 से 7 सितम्बर ) से पहले वहां रोहिंग्या मुस्लिम संकट गहरा हो गया है। हजारों की संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी म्यांमार से अलग-अलग रास्तों से भागे हैं और बांग्लादेश गए हैं। मगर भारत के लिए रोहिंग्या मुस्लिमों का मामला इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे पहले ही हजारों के तादाद में भारत में घुसपैठ करके यहां बस चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी अपने दौरे में इस बारे में बात कर सकते हैं। पश्चिम म्यांमार में हिंसा के चलते पिछले 24 घंटे में हजारों लोग नौका या पैदल बांग्लादेश पहुंचे हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त ने शनिवार को यह जानकारी दी। म्यामांर के सुरक्षा अधिकारी और अल्पसंख्यक रोहिंग्या के उग्रवादी एक दूसरे पर राखाइन प्रांत में गांवों को जला देने और अत्याचार करने का आरोप लगा रहे हैं।
हाल ही में म्यांमार में रोहिंग्या विद्रोहियों के एक हमले में करीब 90 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला रखाइन राज्य में हुआ, रोहिंग्या विद्रोहियों ने शुक्रवार को 30 पुलिस चौकियों और एक सैन्य अड्डे को निशाना बनाया। इसके बाद हुई जवाबी कार्रवाई में 98 लोग मारे गए। इनमें 12 सुरक्षाकर्मी हैं। सेना के सूत्रों का कहना है कि इस हमले में 1000 से ज्यादा रोहिंग्या विद्रोही शामिल हो सकते हैं। अराकान रोहिंग्या सैल्वेशन आर्मी (एआरएसए) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। एआरएसए 2012 में म्यांमार में बौद्धों और रोहिंग्या मुस्लिमों के बीच सांप्रदायिक दंगों के बाद बनी थी। इसके बाद म्यांमार सेना की कार्रवाई में करीब 87 हजार रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था। संयुक्त राष्ट्र संघ ने सेना की इस कार्रवाई को मानवता के खिलाफ अपराध बताया था।
म्यामार विवादित और हिंसक रोहिंग्या मुस्लिम पिछले कुछ दिनों से भारत में भी घुसपैठ करने के कारण विवादों में आ गए है। भारत में बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या सुलझी नहीं है, मगर अब रोहिंग्या मुस्लिमों का मुद्दा उभर रहा है। कुछ समय पहले गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अफसरों के मुताबिक फॉरनर्स एक्ट के तहत इन लोगों की पहचान कर इन्हें वापस भेजा जाएगा। बौद्ध बहुल देश म्यामांर में जारी हिंसा के बाद से अब तक करीब 40,000 रोहिंग्या मुस्लिम भारत में आकर शरण ले चुके हैं। ये लोग समुद्र, बांग्लादेश और म्यामांर सीमा से लगे जिन इलाके के जरिए भारत में घुसपैठ करते हैं।
बांग्लादेश में फिलहाल 3 लाख रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं। अनुमान है कि रोहिंग्या शरणार्थी असम, पश्चिम बंगाल, केरल, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में रह रहे हैं ।
अकेले जम्मू में ही 6000 की संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी बसे हुए हैं। हालांकि मंत्रालय का मानना है कि सही से गिनती की जाएगी तो यह संख्या 10 से 11 हजार तक की हो सकती है। पिछले दिनों केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में भारत में अवैध रूप से बसे रोहिंग्या मुस्लिमों की पहचान, गिरफ्तारी और उन्हें देश से बाहर भेजने पर काम करने की रणनीति पर चर्चा की गई। हालांकि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन के आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल देश में 14,000 रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी रहते हैं।
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