पटना। बिहार में सीबीआई छापों के बाद जदयू द्वारा तेजस्वी यादव को 4 दिन का अल्टीमेटम दिए जाने के बाद बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में शामिल होने के बाद तेजस्वी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिस घोटाले के आरोप लग रहे हैं उस वक्त में महज 14 साल का था। जिस उम्र में मेरी मूंछ नहीं आई थी तब गलत काम कैसे कर सकता हूं। मैंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम किया है।
तेजस्वी ने भाजपा को पूरे मामले के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह हमारे खिलाफ साजिश की जा रही है।इससे पहले तेजस्वी बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे तब उन्होंने मीडिया से बात करने से इन्करा कर दिया था।
बता दें कि जदयू ने मंगलवार को बैठक के बाद कहा था कि जिन लोगों के खिलाफ छापे पड़े हैं वो इस मामले में तथ्यों के साथ जनता के सामने सफाई दें। जदयू ने 4 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि 4 दिन बाद फिर से पार्टी की बैठक होगी जिसमें आगे का फैसला होगा। इसके बाद राजद ने एक बार फिर से दो टूक कहा कि तेजस्वी अपने पद से इस्तीफ नहीं देंगे।
भ्रष्टाचार मामले में राजद-जदयू हैं आमने-सामने
तेजस्वी यादव के इस्तीफे पर राजद ने कहा है कि तेजस्वी पर अभी सीबीआइ ने प्राथमिकी ही दर्ज कराई है, उनका गुनाह साबित नहीं हुआ है और वहीं जिस वक्त का यह घोटाले का मामला है, उस वक्त तेजस्वी नाबालिग थे और इस मामले पर इस्तीफा देने का सवाल नहीं है। वहीं नीतीश पर पार्टी नेताओं का पूरा दबाव है कि वो इस मामले पर कड़ा रूख रखें और नहीं हो तो महागठबंधन से किनारा कर लें।
इस मुद्दे को लेकर राजद और जदयू दोनों के बीच तलवार खिंची नजर आती है। हालांकि, ये बात भी सामने आई है कि राजद और जदयू दोनों के बीच महागठबंधन को बचाने की भी कवायद हुई लेकिन दोनों के बीच मचे तूफान के बीच महागठबंधन पर खतरा अभी पूरी तरह बरकरार है।
राजद ने कहा-मजबूत है महागठबंधन, चलता रहेगा
राजद नेताओं ने यह भी कहा है कि महागठबंधन मजबूत है और हम इससे टूटने नहीं देंगे। उनका मानना है कि नीतीश कुमार ने जिस प्रकार से सीबीआई से पूछताछ या कोर्ट के फैसले या चार्जशीट का इंतजार किए बिना जो शर्त रखी है, फिलहाल पार्टी उनकी यह मांग मानने में असमर्थ है।
हालांकि वे ये भी मानते हैं कि यदि लालू यादव महागठबंधन को बचाने के लिए तेजस्वी या सभी राजद मंत्रियों का इस्तीफा करा भी दें तो भी नीतीश कुमार अपनी छवि से कभी समझौता नहीं करेंगे और उनकी जिद जगजाहिर है।
जदयू नेताओं ने कहा-महागठबंधन से बाहर निकलना बेहतर
जदयू की बैठक में नेताओं ने नीतीश पर दबाव बनाया है कि वो अब महागठबंधन से बाहर निकलें और अपनी छवि को दागदार होने से रोक लें। उन्होंने यह भी कहा कि जनता के बीच जो संदेश जा रहा है वो ठीक नहीं है और पार्टी के हित में भी नहीं है। अभी सबसे पहले पार्टी की मजबूती और सिद्धांत ये सबसे ज्यादा जरूरी हैं।
नीतीश को यह भी पता है कि सीबीआई के आरोप निराधार नहीं हैं। रेल मंत्रालय से लेकर मॉल निर्माण तक की जो गड़बडि़यां पिछले 12 वर्षों तक जारी रही, उनके हर तथ्य के बारे में उनको समग्रता से जानकारी है, जिसके आधार पर कम से कम इस मामले में लालू और उनके परिजनों को निर्दोष मानने की गलतफहमी वो नहीं पालेंगे।
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