नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रेम शुक्ला के साथ टीवी न्यूज चैनल पर बहस के दौरान चर्चा में आईं सपा की महिला प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक का तगड़ा झटका लगा है। पार्टी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉ स्टूडेंट रह चुकी सपा नेत्री पंखुड़ी पाठक को सोशल मीडिया के मोर्चे से हटा लिया है।
पंखुड़ी को हटाने के पीछे कारण यह दिया जा रहा है कि सोशल मीडिया के चुनावी मैदान में जोरदार प्रदर्शन करने की तैयारी में लगी समाजवादी पार्टी धीरे-धीरे कमजोर कड़ियां सुधारने में जुट गई है। इसी क्रम में पार्टी ने अपना युवा चेहरा दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉ स्टूडेंट रह चुकी पंखुड़ी पाठक को सोशल मीडिया के मोर्चे से हटा लिया है।
फिलहाल यह जिम्मेदारी निभा रहीं हैं पंखुड़ी
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और डिंपल यादव की करीबी फिलहाल पंखुड़ी पार्टी प्रवक्ता बना दी गई हैं और तमाम टीवी चैनल्स पर पार्टी की तरफ से अपनी राय रखने का काम कर रही हैं।
SP नेत्री को हटाने के पीछे यह है बड़ी वजह
सपा का सोशल मीडिया कैंपेन संभालने के लिए अब ऐसे प्रोफेशनल्स की टीम का गठन किया गया है, जिनमें नामीगिरामी मीडिया जैसे संस्थानों में काम किए लोग भी शामिल हैं।
डिंपल यादव के हाथों में है सोशल मीडिया कैंपेन की जिम्मेदारी
बताया जाता है कि सोशल मीडिया कैंपेन की पूरी तरह से जिम्मेदारी लोकसभा सांसद डिंपल यादव ही संभाल रही हैं। वहीं, पंखुड़ी अखिलेश यादव की यूथ कोर टीम का हिस्सा हैं और पार्टी प्रवक्ता की जिम्मेदारी भी संभाल रही हैं।
समाजवादी पार्टी के सूत्रों की मानें तो पंखुड़ी को सीएम अखिलेश यादव और डिंपल यादव की करीबी माना जाता है। यही कारण था कि उन्हें सपा के सोशल मीडिया सेल की जिम्मेदारी भी दी गई थी, लेकिन वह इस जिम्मेदारी को निभाने में नाकाम ही साबित हुईं।
गौरतलब है कि पंखुड़ी पाठक ने ही समाजवादी सरकार के पक्ष में सोशल मीडिया में ‘I support Akhilesh’ के नाम से हैशटैग कैंपेन की शुरुआत की थी, जो काफी भी सफल रही।
यहां पर लगा झटका
बताया जाता है कि पंखुड़ी पाठक ने सूबे की राजधानी लखनऊ के राय उमानाथ बली प्रेक्षाग्रह में सोशल मीडिया मीट का आयोजन किया था, लेकिन यह बुरी तरह असफल साबित हुआ। इसकी असफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस मीट में प्रेक्षागृह की कुर्सियां तक पूरी तरह से भर नहीं सकीं थीं।
जानें कौन हैं पंखुड़ी पाठक
2010 में हंसराज कॉलेज के चुनाव में पंखुड़ी ने ज्वाइंट सेक्रेटरी पद का चुनाव जीता. उस समय इनकी उम्र लगभग 18 साल थी। उन्होंने 2 से 3 साल तक पार्टी की तरफ से प्रत्याशियों को छात्रसंघ का चुनाव भी लड़ाया था। इसके बदले में पार्टी ने रिटर्न गिफ्ट देते हुए 2013 में लोहिया वाहिनी का नेशनल सेक्रेटरी बना दिया गया था।
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