कभी कचरा बीनता था, आज है हर महीने 11 लाख की कमाई.और वह भी कचरे से ही

जयप्रकाश चौधरी नाम का शख्स कभी सड़कों पर कचरा बीनता था। दो दशक पहले दिल्ली में अपनी जिंदगी की शुरुआत करने वाला जयप्रकाश उर्फ संतु कचरे के जरिए एक दिन के 150 रुपए कमाता था। बिहार के मुंगेर से आया संतु 23 साल की उम्र में दिल्ली आया था और अब वह 40 साल का हो चुका है। आज कचरे की ही बदौलत वह हर महीने के 11 लाख रुपए कमाता है और उसने दिल्ली स्थित अपने दो कचरा पृथक्करण केंद्रों में 160 लोगों को काम पर रखा हुआ है।

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, वह मार्च 1994 में दिल्ला आया था। यहां वह फलों की दुकान पर हेल्पर के रूप में काम करने लगा जिसके लिए उसे 20 रुपए प्रतिदिन के मिलते थे। उसने रात के समय कंस्ट्रक्शन साइटों पर लेबर के रूप में भी काम किया और 3 महीने में 6 हजार रुपए कमाए। जून 1994 में उसकी तबियत बिगड़ गई और वह बिहार लौट गया।
अगस्त 1994 में वह वापस दिल्ली आया और कनॉट प्लेस इलाके में कचरा बीनने का काम किया।

इस तरह शुरू किया सफर:
1999 में संतु ने एक एनजीओ की मदद से कचरा बीनने वालों का एक संगठन तैयार किया जिसे “सफाई सेना” नाम दिया।
2009 तक उसके लिए दर्जनों लोग कचरा बीनने का काम करने लगे।
2012 में उसने दिल्ली के सिकंदरपुर में एक कचरा पृथक्करण केंद्र स्थापित किया। यहां कचरे को रिसाइकिल किया जाता है।
1994 में जब वह कचरा बीनने का काम करता था तो सेंट्रल दिल्ली के राजा बजार झुग्गी में रहता था, अब वह मयुर बिहार के कोटला गांव में रहता है।

संतु के चर्चे अपने देश ही नहीं, बल्कि कोपेनहेगन, लक्ज़मबर्ग और ब्राजील जैसे देशों में भी हैं। अपने काम से संतु ने अपने गांव के कई लोगों की जिंदगी भी बदल डाली। कचरा बीनने का काम करने के चलते लोग संतु को नीची नजर से देखते थे। संतु ने बताया, “आज मेरे टीचर भी मानते हैं कि मैने पर्यावरण के लिए ऐसा काम किया है जो बहुत पढ़े-लिखे लोग भी नहीं कर पाते।”

Be the first to comment on "कभी कचरा बीनता था, आज है हर महीने 11 लाख की कमाई.और वह भी कचरे से ही"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*


error: Content is protected !!