New Delhi : मोबाइल और इंटरनेट की लत इस कदर बच्चों पर हावी हो रहा है कि वह नौ वर्ष की उम्र में भी अपने उपर हमला कर ले रहा है और जान देने की कोशिश करने लगा है। ऐसा ही एक मामला हरियाणा में आया था। बच्चे का आठ माह से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाज चल रहा था और अब बच्चे की हालत में सुधार है और मोबाइल की लत भी नहीं रही है। करीब आठ माह पहले हरियाणा के एक व्यवसायी परिवार का नौ वर्ष के बच्चे से उसके माता-पिता ने जब मोबाइल देना बंद कर दिया था तब बच्चे ने किचन से चाकू निकाल कर अपने बांये हाथ पर चाकू से हमला कर दिया।
आनन-फानन में माता-पिता पास एक डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने पट्टी तो कर दी लेकिन सलाह दिया की बच्चे को जो दिक्कत है उसके इलाज के उसे दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में ले जाने की सलाह दी।
आठ माह पहले बच्चे को मनोचिकित्सीय इलाज के लिए गंगा राम लाया गया। अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग के सीनियर कंसलटेंट डॉ.राजीव मेहता ने बताया कि बच्चे को मोबाइल का लत लग गया था।
बिना मोबाइल बेचैन हो जाता बच्चा
उसे मोबाइल नहीं मिलता था वह दिवार पर सिर पटकने लगता था। इतना ज्यादा मोबाइल देखता था कि आठ वर्ष में उसकी आंखे खराब हो गई थी और उसे चश्मा लगा दिया गया था। बिना मोबाइल के बच्चा बेचैन हो जाता था।
डॉ.मेहता ने बताया कि बच्चे के साथ-साथ बच्चे के माता-पिता की लंबे समय तक काउंसलिंग की गई। सिर्फ बच्चे को मोबाइल नहीं देने से काम नहीं चलता मोबाइल की जगह उसे क्या दिया जाए कि बच्चे का लत खत्म हो, इसके लिए बच्चे के साथ-साथ माता-पिता की काउंसलिंग की गई।
बच्चे को थोड़ा डरा गया और थोड़ा समझाया गया कि यदि मोबाइल देखोगे तो आंख से दिखना बंद हो जाएगा, पॉयलेट नहीं बन पाओगे, दोस्त मजाक उड़ाएगें। बच्चे की रुचि को देखते हुए म्यूजिक क्लास और टेबल टेनिस क्लास में दाखिला कराया गया।
बच्चे में अब करीब-करीब ठीक है और उसके व्यवहार में काफी बदलाव आया है। हर दूसरे-तीसरे सप्ताह काउंसलिंग के लिए बुलाया जाता है।
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