केन्द्रीय कारागार आगरा चल रही हड़ताल अभी खत्म भी नहीं हो पाई थी कि सेंट्रल जेल बरेली में भी कैदियों ने बगावत कर दी है। 14 साल की सजा पूरी कर चुके साथियों की रिहाई की मांग करते हुए कैदियों ने दोपहर से भूख हड़ताल कर दी। अफसरों समझाते रहे मगर कैदी रात तक नहीं माने। जेल में भूख हड़ताल को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है। सेंट्रल जेल के साथ जिला जेल की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।आगरा जेल में कई दिन से चल रही हड़ताल के बीच केन्द्रीय कारागार में कैदियों के तेवर गुरुवार से बदले नजर आ रहे थे। शुक्रवार को कैदी पूरी तरह लामबंद हो गए और दोपहर से ही अन्न-जल त्याग दिया। जेल कर्मचारी खाना लेकर गए तो कैदियों ने बर्तन फेंक दिए।
भनक लगते ही सेंट्रल जेल अधीक्षक पीएन पांडेय, जेलर और डिप्टी जेलरों के साथ कैदियों को मनाने में जुट गए मगर कैदी नहीं माने। भूख हड़ताल कर रहे कैदियों का कहना है कि बुजुर्ग हो चुके 80 साल से ज्यादा के कैदी सेंट्रल जेल बीमारी से दम तोड़ रहे हैं। सपा हाईकमान ने राज्य में सरकार बनने से पहले 14 साल की सजा काट चुके कैदियों की रिहाई कराने का वादा किया था मगर ऐसा हुआ अब तक नहीं है। सरकार तुरंत बूढ़े कैदियों की रिहाई कराए।
अफसरों ने मामले की रिपोर्ट शासन को दे दी है। प्रशासन जेल के हालात पर नजर रख रहा है। बुजुर्ग कैदियों की रिहाई के लिए कैदियों ने शुक्रवार दोपहर से भूख हड़ताल शुरू कर दी है। कैदियों की मांग है कि 14 साल की सजा पूरे कर चुके सभी बुजुर्ग कैदियों को फौरन रिहा किया जाये।
समझाने के प्रयास जारी हैं मगर कैदी मान नहीं रहे। पीएन पांडेय, वरिष्ठ जेल अधीक्षक सेंट्रल जेल
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