इंदौर. मध्यप्रदेश के बहु चर्चित शहला मसूदा हत्याकांड में उम्र कैद की सजा काट रही जाहिदा परवेज और सबा फारूकी को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ से गुरुवार को जमानत मिल गई.दोनों छह साल से जेल में थी. गौरतलब है कि 19 अगस्त 2011 को भोपाल के कोहिफ़िज़ा क्षेत्र में आरटीआई कार्यकर्ता शेहला मसूद की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. हत्या उस समय की गई जब वह घर से निकल कर अपनी कार से जा रही थी.इस हत्याकांड में भाजपा के बड़े नेताओं के नाम आने की वजह से इस मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया था. पुलिस से जांच वापस लेकर सरकार ने सीबीआई को सौंप दिया था. सीबीआई ने मामले की जांच करते हुए इंटीरियर डिजाइनर ज़ाहिदा परवेज उसकी सहेली सबा फारूकी, सुपारी किलर इमरान और उसके साथी ताबिश को गिरफ्तार किया था. इस मामले की सुनवाई इंदौर स्थित सीबीआई के विशेष न्यायालय में हुई थी. जनवरी 2017 को सीबीआई न्यायालय के न्यायायाधीश बी के पलोद ने 80 गवाहों के बयान के बाद तीन आरोपियों ज़ाहिदा परवेज, सबा फारूकी एंव ताबिश को उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी. वही इरफान को सरकारी गवाह बनने की वजह से सजा माफ़ दी गई थी. ज़ाहिदा और सबा सीबीआई अदालत के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में अपील दायर की थी. साथ ही अदालत से यह तर्क प्रस्तुत करते हुए जमानत का निवेदन किया था कि जब तक उनके मामले में सुनवाई पूरी नही होती उन्हें जमानत दी जाये. जस्टिस राजीव दुबे की एकलपीठ में यह मामला चल रहा था. जहाँ से गुरुवार को दोनों आरोपियों को जमानत मिल गई.
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