शिवराज के गढ़ में बैलों की जगह बेटियां जोत रही हैं खेत

सीहोर. जिले में एक आदिवासी किसान बैल न होने के कारण खेत जोतने के लिए बेटियों को बैल की जगह इस्तेमाल करना पड़ा. मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधान सभा इलाके का है. जिले की तहसील नसरुल्लागंज जनपद पंचायत के आदिवासी ग्राम बसंतपुर पांगरी में सरदार बरेला नाम के गरीब किसान के पास अपना खेत जोतने के लिए कोई साधन नहीं है. बारिश के इस मौसम में यदि खेत न जोते गए तो परिवार का पेट कैसे पालेगा. ऐसे में सरदार को अपनी दोनों बेटिया राधा और कुंती को बैलों की जगह इस्तेमाल करना पड़ा. किसान का कहना है सरकार ने उनकी मदद करती नहीं ऐसे में उनके पास अपना पेट पालने के लिए कोई चारा नहीं है. बैल न होने की वजह से बेटियों को बैल का काम करना पड़ा. डीपीआरओ आशीष शर्मा ने बताया कि किसान को बच्चों से ऐसा काम नहीं करवाने के लिए कहा गया है. उन्हें हरसंभव सरकारी मदद मुहैया कराई जाएगी. प्रशासन इस मामले पर विचार कर रहा है

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