जुनैद हत्याकांड के मुख्य आरोपी नरेश तक पहुंचने के लिए करीब एक हजार दैनिक यात्रियों से पुलिस ने पूछताछ की। वारदात के समय दिल्ली-मथुरा शटल में मौजूद दैनिक यात्रियों की जानकारी इकट्ठा की गई। मुखबिरी और इलेक्ट्रॉनिक तकनीक के इस्तेमाल से नरेश तक पहुंचना संभव हुआ।
सीआईए टीम के मुताबिक, घटना के तीन दिन बाद नरेश ने एक युवती से मथुरा के मंदिर में शादी रचाई। उसको लेकर नरेश ट्रेन से पहले सूरत पहुंचा। यहां से महाराष्ट्र के धुले जिला पहुंचा। यहां दंपति एक कमरा किराए पर लेकर रहने लगा। नरेश ने एक सोलर इक्विपमेंट कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर ली। पुलिस के मुताबिक नरेश ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल बंद कर दिया था।
28 जुलाई को पुलिस ने नरेश के भाई सुरेश और पिता को बुलाकर पूछताछ भी की थी, उनसे कुछ खास जानकारी नहीं मिल पाने पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया था। नरेश ने भमरौला गांव के एक रसूखदार को लैंडलाइन से फोन कर हालात के बारे में जानकारी ली थी। रसूखदार ने नरेश से उसका पता पूछ कर पुलिस को इसकी जानकारी दी। इसके बाद पुलिस नरेश को पकड़ सकी। सीआईए के एसआई सुरेश मलिक ने बताया कि आरोपी की पत्नी को भी लाया जा रहा है।
कमल दीप गोयल एसपी, जीआरपी ने बताया कि हर एक दैनिक यात्री के मोबाइल फोन की डिटेल इकट्ठा कर जांच की गई। जांच में अन्य यात्रियों के मोबाइल तो ऑन मिले, लेकिन सिर्फ नरेश का ही फोन 22 जून की शाम से बंद मिला। उसकी कॉल डिटेल चेक की गई, तो अंतिम बात भाई सुरेश से की गई थी। शक होने पर पुलिस ने नरेश को फोन की और डिटेल चेक की।
उसके मोबाइल की लोकेशन रोजाना शिवाजी ब्रिज से पलवल के बीच आती थी, 22 जून को मोबाइल की लोकेशन असावटी स्टेशन मिली। पुलिस को शक हुआ तो उसके पिता और भाई सुरेश को बुलाकर पूछताछ की गई। दोनों ने पुलिस को बताया था कि नरेश बिना बताए ही कहीं चला गया है। परिस्थितिजन्य साक्ष्य और नरेश के गायब होने से पुलिस का शक पक्का हो गया था, अब पुलिस को सिर्फ उसकी तलाश करनी थी।
सीआईए के एसआई सुरेश मलिक ने बताया कि नरेश रोजाना सुबह ड्यूटी पर जाने से पहले सभी बड़े अखबारों को इलेक्ट्रॉनिक संस्करण चेक कर जुनैद हत्याकांड से जुड़ी खबरें पढ़ता था। अखबारों में छपी खबरों के आधार पर उसे लगने लगा था कि पुलिस उस तक कभी नहीं पहुंच पाएगी। उसे पकड़ने के लिए सीआईए ऊंचागांव से सुरेश मलिक के साथ कांस्टेबल अमित, सिपाही अमित सहित पांच लोग गए थे।
क्राइम ब्रांच व जीआरपी टीम को असावटी रेलवे स्टेशन के समीप से सीसीटीवी फुटेज मिली थी। जिसमें बाइक पर सवार तीन युवक जाते दिखाई दिए थे। बाइक पर सबसे अंत में बैठा श स ही मु य आरोपी बताया गया था। कुछ दिन पूर्व क्राइम ब्रांच को बाइक सवार दो युवकों का पता लगा कि वह असावटी के रहने वाले है। पुलिस उन तक पहुंची और उनसे पूछताछ करने के बाद आरोपी नरेश का पता लगाया।
कमल दीप गोयल एसपी, जीआरपी ने बताया कि 22 जून की शाम दिल्ली-मथुरा शटल में दो पक्षों के बीच सीट पर बैठने को लेकर लड़ाई शुरू हुई थी। विवाद की वजह बीफ या सांप्रदायिक भेदभाव नहीं था। आरोपी को रिमांड पर लिया गया है, पूछताछ के बाद वारदात में शामिल अन्य लोगों को भी पकड़ा जाएगा।
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